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होली

होली के रंग में हम भिगायेंगे अंग,
मिल जाये हमें कोई तो लगाएंगे रंग,

न सोचेंगे न समझेंगे न समझायेंगे हम,
मिलजाये जो थोड़ी सी तो चढ़ाएंगे भंग,

घूमेंगे फिरँगे झूमेंगे हम मस्ती में अपनी,
बस ऐसे ही खुलकर होली मनाएंगे हम।।

राही अंजाना

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