हो गया है उजाला
अब मुझे भान हुआ
जब खुली आँख तब
सुबह का ज्ञान हुआ।
इन चहकते हुए
उड़गनों ने बताया,
जाग जा अब तो तूने
अंधेरा है बिताया,
हो गई है सुबह
साफ कर तन वदन
दूर आलस भगा ले
कर्मपथ पर लगा मन।
रात भर स्वप्न देखे
अब उन्हें कर ले पूरा
इस तरह काम कर ले
रहे मत कुछ अधूरा।