
Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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हर तरफ उजाला हो ये जरुरी तो नहीं मुझे धीमी रोशनी भी अच्छी लगती है यहाँ हर कोई एक आरज़ू ओढ़े बैठा है पर सबकी…
So Nice Nitesh Ji
Thank You 🙂
वाह
Nice nitesh ji