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2021

उठती रहेगी
इक लहर
सागर से निरंतर
जो समाहित कर लेगी
हर पीड़ा
जो दी बीते वर्ष ने
हर बार होगी
इक नईं हिलोर
जो देगी हौंसला
सतत् नवीन
जीवन जीने की
नववर्ष में।

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