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वो जो गुजर गये यूं मुंह फ़ेरकर

वो जो गुजर गये यूं मुंह फ़ेरकर
उतरा उतरा रहता है तब से मुंह मेरा
कयामत थी या क्या थी वो
मिलकर उससे मजरूह हो गया दिल मेरा..

[मजरूह – जख्मी]
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