कोई तो दे दो वजह जीने की…..

कोई तो दे दो वजह जीने की

वरना मत पूछो वजह पीने की।

दर्द अब आ गया है सहना तो

क्या जरुरत है जख्म सीने की।

मेरी खता नहीं तो कैसी सजा

बात कुछ तो करो करीने की।

कोई कह दे कि याद करते हैं

आग बुझ जाये कुछ तो सीने की।

न गले लग के अब मिले हमसे

न फिर आई महक पसीने की।

———सतीश कसेरा

 

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

आज़ाद हिंद

सम्पूर्ण ब्रहमण्ड भीतर विराजत  ! अनेक खंड , चंद्रमा तरेगन  !! सूर्य व अनेक उपागम् , ! किंतु मुख्य नॅव खण्डो  !!   मे पृथ्वी…

Responses

+

New Report

Close