Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: शायरी
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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मैं अकेला….
मैं अकेला था अकेला हूँ अकेला रह गया, ज़िन्दगी की धूप छाँव सब खुशी से सह गया। टूटा हूँ पत्ते सा क्यूँकि मेरी सूखी डाली…
मिली आजादी तेरे सहारे
बापू हमारे, जन- जन के प्यारे मिली आजादी बापू तेरे सहारे ।। वर्षों से भारत माता सिसक रही थी पाँवो में गुलामी की बेङी पङी…
मैं अकेला ही चलूँगा
मैं अकेला ही चलूँगा । शीश पर तलवार मेरे, पाँव में अंगार मेरे, या काटूँ या फिर जलूँगा । मैं अकेला ही चलूँगा ।। तुम…
मेरी आँखों में
जाने कब से हैं मेरी आँखों में, ये ख्वाब किसके हैं मेरी आँखों में। मैं तो सूखा हुआ सा दरिया था, ये मौज किसकी है…
नटखट, ओ लल्ला मोरे
नटखट, ओ लल्ला मोरे तू काहें मोहे खिझायों। संग सखा तू पुनि-पुनि मटकी पर नज़र लगायो।। सब ग्वालन से मिलकर झटपट माखन खायो। नटखट ओ…
वाह बहुत सुंदर