तू कहीं है यहीं
कुछ अनकहे अलफ़ाज़ ,
कुछ बुदबुदाते से अहसास,
तेज़ होती साँसे,
मनचली सी ख्वाहिशें
और धडकनों का साज़ ,
जो देती हर पल आवाज़,
यूँ दिल ने कहा ,
तू कहीं है यहीं ,
यहीं कहीं,
मेरे आस पास !
हवाओं का मचलना,
किरणों का रंग बदलना,
गुलाबी से गाल,
बयां करते दिल का हाल,
ऐसे में कोयल की कूक,
उठा जाती दिल में एक हूक,
फिर दिल ने कहा,
तू कहीं है यहीं,
यहीं कहीं,
मेरे आस पास!
फूलों का हल्के से मुस्कुराना,
तितलियों का यूँ ही पंख फङफङाना,
मतवारी सी बयार का मुझे छेङ जाना,
चिङियों की जोङी का कोटर में छिप जाना,
कुछ तो बयां कर जाता है,
तेरे आने के निशां दे जाते हैं,
और दिल ने कहा,
तू कहीं है यहीं,
यहीं कहीं,
मेरे आस पास!
आसमां पे बिखरी आभा सिंदूरी,
समां पर छाया मानों,नशा अंगूरी,
अंगारों सी धधकती,
बिजली सी चमकती,
मेरे प्यार भरे अहसास,
सरपट सी भागती हर साँस,
जो दिल ने कहा,
तू कहीं है यहीं,
यहीं कहीं,
मेरे आस पास!
अब ना छिपो,आ जाओ सामने,
मेरे दिल को सम्भालने,
मेरे हाथों को थामने,
मुझे गले से लगाने,
तुझमें सिमटना चाहती हूँ,
अब भी देख तुझे ढूढ़ती हूँ,
जब दिल ने कहा,
तू कहीं है यहीं,
यहीं कहीं,
मेरे आस पास!!
-मधुमिता
Bahut Acha LIkha…..
फूलों का हल्के से मुस्कुराना,
तितलियों का यूँ ही पंख फङफङाना,
मतवारी सी बयार का मुझे छेङ जाना,
चिङियों की जोङी का कोटर में छिप जाना,
कुछ तो बयां कर जाता है,
तेरे आने के निशां दे जाते हैं,
और दिल ने कहा,
तू कहीं है यहीं,
यहीं कहीं,
मेरे आस पास
laajwab ke khyal hai behd hi khoobsurt ese hi likhte rahe