Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
हिन्द की आभूषण
नैतिकता हिन्द की आभूषण है, परिचायक इसके प्रभु रामजी हैं l सीतामैया अग्नि परीक्षा दी l कैसी ये नैतिकता थी ? स्वार्थरहित पीड़ा थी l…
न्याय बीमार पड़ी है, कानून की आँख में पानी है
अत्याचार दिन ब दिन बढ़ रहे हैं भारत की बेटी पर। रो-रो कर चढ़ रही बिचारी एक-एक करके वेदी पर ।। भिलाई से लेकर दिल्ली…
रक्त से सनी धरती लाल देख
✍ ? गजल ?✍ ——-($)——- ✍ रक्त से सनी धरती लाल देख चहुंओर हाहाकार हाल देख समरसता जल रही धूं धूं कर सद्भावना है बदहाल…
लोकनायक
शत-शत नमन उस जन-नायक को लोकनायक से जाने जाते थे भारत-रत्न से सम्मानित, इंदिरा विरोधी कहलाते थे । आज जन्म दिवस है उनका हम नतमस्तक…
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