गीत होठो पे समाने आ गये है
गीत होठो पे समाने आ गये है प्रीत भावो के सजाने आ गये है ? चाह ले के आस छाके गा रही है साज ओढे ताल लुभाने आ गये है ? रीत गाने के सदाये दे रहे है भाव ले के तान भाने आ गये है ? चाव गाने का हमारा है नही पर भाव ले के चाव छाने आ गये है ? आज मेरा दौर फीका भी नही है बात मीठी सी सुझाने आ गये है ?श्याम दास महंत ? »