Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
आज़ाद हिंद
सम्पूर्ण ब्रहमण्ड भीतर विराजत ! अनेक खंड , चंद्रमा तरेगन !! सूर्य व अनेक उपागम् , ! किंतु मुख्य नॅव खण्डो !! मे पृथ्वी…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अलख जगे आकाश
तन कुँआ मन गागरी, चंचल डोलत जाय ! खाली का खाली रहे, परम नीर नहिं पाय !! मोती तेरा नूर मैं, देखूं चारों ओर…
Good