Categories: शेर-ओ-शायरी
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दौलत
कोई ज़मीं बेचता, कोई आसमां बेचता । दौलत के नशे में चूर, ये ज़हां बेचता । कब परवान चढ़ा, मोहब्बत मुफ्लिशी का, दौलत मोहब्बत का…
एक बूंद मुस्कराहट
तुमे शायद पता नहीं, एक दिन चुपके से मैने, चुरा ली थी तुमारे होठों से, एक बूंद मुस्कराहट। कई दिन छुपा के रखता रहा, कभी…
रिश्तों के बाजार में अब तो नाते बिकते हैं ।
रिश्तों के बाजार में अब तो नाते बिकते हैं । मात-पिता को छोड़ अब वह सुत प्यारा, अब तो सास श्वसुर के पास रहते हैं…
करार
किसी की जीत या किसी की हार का बाजार शोक नहीं मनाता। एक व्यापारी का पतन दूसरे व्यापारी के उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।…
खिलौने वाला
जी, खिलौने वाला हूँ मैं, खिलौने बेंचता हूँ गुड़िया,हाथी,घोड़े,और ग़ुब्बारे बेंचता हूँ मुझे बचपन की यादों का सौदागर ना समझना चंद ज़रूरतों की ख़ातिर तमाम…
Wah
Waah