Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
नदी के दो किनारों पर मेरी नज़र टिकी थी,
नदी के दो किनारों पर मेरी नज़र टिकी थी, एक छोर पे मैं और दूजे छोर वो खड़ी थी, समन्दर था लहरें थीं कश्ती थी…
नज़र ..
प्रेम होता दिलों से है फंसती नज़र , एक तुम्हारी नज़र , एक हमारी नज़र, जब तुम आई नज़र , जब मैं आया नज़र, फिर…
कविता : मोहब्बत
नदी की बहती धारा है मोहब्बत सुदूर आकाश का ,एक सितारा है मोहब्बत सागर की गहराई सी है मोहब्बत निर्जन वनों की तन्हाई सी है…
तेरी कश्ती मेरी कश्ती
तेरी कश्ती मेरी कश्ती बस इतनी सी तो रवानी है हर ज़िन्दगी की कहानी है सब कागज की कश्ती है और ख़ुद को पार…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
Nice
Thank you