Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
कभी कभी, तुम राहें भूल कर…! (गीत )
कभी कभी, तुम राहें भूल कर……! (गीत ) कभी कभी, तुम राहें भूल कर, मेरी गलियों मे आया करो…. कभी कभी तुम ख़ुद को …
बरसा के बदरिया
भोजपुरी गीत – बरसा के बदरिया | बरसा के बदरिया मे पनिया पडेला राम | ये मोर सजना तनी चलता बुनिया मे नहाए | ये…
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1 जो आत्मनिर्भर है, उन्हें आत्मसम्मान की शिक्षा दे रही हैं क्यूँ हमारी सरकार? मजदुर अपने बलबूते पर ही जिन्दगी जीते, ये जाने ले हमारी…
हिन्दी देबी गीत 8 – शरण तुम्हारे |
चैत्र नव रात्र के अवसर पर देवी भजन हिन्दी देबी गीत 8 – शरण तुम्हारे | लाया हूँ माता धार आँसुओ शरण तुम्हारे | भक्त…
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