लफ्ज़ो को बढ़े करीने से सजाया है

लफ्ज़ो को बढ़े करीने से सजाया है
इस नज़्म में नूर ए इश्क़ को बहाया है
कुछ समन लाकर रख दिये है इसके करीब
अपने होठों से हमने इसे गाया है

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

एक नज्म

मेरी एक नज्म, दूसरी नज्म पर हंसती है तो कल वाली खुद पर इतराती है आज वाली खुद पर नाज करती है कभी वो वाली…

Responses

+

New Report

Close