तस्वीर बनाने बैठा हूँ।
बहुत दिनों के बाद नई तस्वीर बनाने बैठा हूँ,
मुझसे रूठी थी जो मेरी तकदीर बनाने बैठा हूँ,
इल्जामों की सबने जो फहरिस्त लगाई है मुझपे,
कोरे कागज़ पे मैं अपनी तहरीर बनाने बैठा हूँ,
कोई नहीं है पास मेरे सब वयस्त नज़र ही आते हैं,
मैं मन ही मन में ख्वाबों से तकरीर बनाने बैठा हूँ।।
राही अंजाना
तकरीर – बातचीत
तहरीर – लिखावट
Waah
Good