जन्म जन्मांतर के रिश्ते
जीवन में मिले थे लोग बहुत,
कुछ छूट गए कुछ साथ चले।
कुछ से अद्भुत सा रिश्ता मिला,
कुछ ने अनसुलझे एहसास दिये।
कैसा आत्मीयता का बंधन था,
शायद पिछले जन्म का चंदन था।
जो महकता रहा महकाता रहा,
जिंदगी गुले- गुलजार बनाता रहा।
निमिषा सिंघल
बहुत बढिया
Thank you so much
Dhanyvad
बहुत सुन्दर
Thank you
Thank you
धन्यवाद
आभार
Nice
Thanks dear
Nice
Dhanyavad 🙏
Wah