अपनापन

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किये जिस पे भी तुमने तंज़
वो सब तुम्हारे हैं।
रंज जिस से भी करोगे
वो सब तुम्हारे हैं।।
रूबरू लौट कर आयेंगे
वो जानिब को तेरी।
अज़ल से बहते हुए दरिया
के सभी धारे हैं।।
•••
@deovrat 30.09.2019

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