Naze ki adat

बनते हैं ऐसे गुनाहगार नशे की लत ने ले ली जिंदगी उसके भाई और पिता की फिर वह जैसे तैसे पल्ला फुटपाथ पर फिर उसे भी लगी आदत नशे की करने के लिए नशा वो लगाकर ने छीना जबकि उसे क्या पता था जिसकी वह चीज रहा है पर है वह प्रधानमंत्री की भतीजी जमीन खिसक गए उसके पांव तले मुंह से निकला बुरे फंसे भाई नानी याद आ गई उसकी

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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

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Gunahgar

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