Khara himalaya hame shikha raha

खड़ा हिमालय सिखा रहा,
धीर और गंभीर बनो,
नदियों की चंचलता सिखा रही,
जीवन को नीरस मत करो,
हरे भरे पेड़ यह सिखा रहे,
पाकर कुछ देना सीखो,
मिट्टी हमें यह कह रही,
जीवन में स्थिरता लाओ,
लालच के पीछे मत भागो,
फूल हमें है कह रहे,
हमेशा तुम खुश रहना सीखो,
भंवरे हमें बता रहे,
जीवन को संगीत समझो,
खुशहाल जीवन का यही है सार |

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