Categories: शेर-ओ-शायरी
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पत्थरों की तरह आदतें हो गयीं
हम भी रोये नहीं मुद्दतें हो गयीं। पत्थरों की तरह आदतें हो गयीं। जबसे बेताज वह बादशाह बन गया, पगड़ियों पर बुरी नीयतें हो गयीं।…
आज देखो दुनिया क्या से क्या हो गयी
हंसी ख़ुशी कहीं ,गम की वादियों में खो गयी आज देखो दुनिया क्या से क्या हो गयी दूसरों की सफलता पर ,जो बजती थी तालियाँ…
उम्र लग गई
ख्वाब छोटा-सा था, बस पूरा होने मे उम्र लग गईं! उसके घर का पता मालूम था , बस उसे ढूंढने मे उम्र लग गईं !…
निगाहों में आ गयीं
शाम फिर खिसक कर, निगाहों में आ गयी बांते कुछ उभरकर, आंखों में छा गयीं अब रात हो रही है, मैं कहाँ ही अकेला हूँ…
होली, रुत पर छा गयी है
होली, रुत पर छा गयी। मस्तों की टोली आ गयी।। लाज़ शरम तुम छोड़ो। आज मुख मत मोड़ो।। दिल को दिल से जोड़ो। झूम कर…
Nice
थैंक्स
Nice
धन्यवाद
Nyc
🙏🙏
अच्छा लिखा है आपने
धन्यवाद
थैंक्स
वाह बहुत सुंदर रचना ढेरों बधाइयां
थैंक्स
Nice poem
थैंक्स