Categories: शेर-ओ-शायरी
Related Articles
ख्याब टूटी, दुनिया लूटी, बिखड़े सभी सहारे ।
ख्याब टूटी, दुनिया लूटी, बिखड़े सभी सहारे । अपनों ने गैर कहा, और गैरों ने अपने । । यहीं है, जहां की दस्तुर पुरानी, बची…
चुनिंदा लम्हें घूम गए आँखों में
चुनिंदा लम्हें घूम गए आँखों में जो लिपटे न थे दर्द की चाश्नी में कुछ तेरे साथ के वो पल जो शिकवा से न लिपटे…
ओ याद! भूली बिसरी
आ बैठ पास मेरे ओ याद! भूली बिसरी, आ अश्रु! नैन में आ या मुँह में आ जा मिश्री। बीते पलों की खुशबू तू उड़…
कल ही लिपटे थे दामन से
स्वतंत्रता दिवस काव्य पाठ प्रतियोगिता:- कल ही लिपटे थे दामन से क्यूँ आज तिरंगा ओढ़ चले? दो कदम चले थे साथ अभी क्यों आज मुझे…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
Nice
थैंक्स
Good
धन्यवाद
💞💞
धन्यवाद
Good one
धन्यवाद
बहुत खूब