Categories: शेर-ओ-शायरी
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लौट आओ अपने खेतों पर
लौट आओ अपने खेतों पर अब हरित क्रान्ति लिख देंगे। उजाड़ गौशाला को सजाकर अब श्वेत क्रान्ति लिख देंगे। फिर से नाम किसानों का लाल…
ये पूस का महिना कैसे हम भूला देंगे
ये पूस का महिना कैसे हम भूला देंगे? सुना के कहानी बाल वीरों की सब को हम रुला देंगे। रात अंधेरी थी घनघोर नभ में…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
वतन
वतन पे है नजर जिसकी बुरी उसको मिटा देगें,,, सबक ऐसा सिखा देगें कि धड से सर उडा देगें।। जहाँ पानी बहाना है वहां पर…
वतन
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सुंदर
सुन्दर
Waah waah
Beautiful