Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
निर्दोष मानोगे???
मैं जानती हूँ कि तुम भी मुझे ही गलत ठहराओगे कुछ कहने से कोई फायदा नहीं—- मैं कह भी दूँ मैं सही थी पर तुम…
“रावण दहन”
दशहरे का रावण सबसे पूछ रहा है हर वर्ष देखा है मैंने स्वयं को दशहरे पर श्रीराम के हाथों से जलते हुये, सभी को बुराई…
राम बन जा आज तू
ओ युवा!! भारत के मेरे, राम बन जा आज तू, खुद हरा भीतर का रावण, धर्म धनु ले हाथ तू। बढ़ रहे हैं नित दशानन…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
बहुत खूब
धन्यवाद
बहुत ख़ूब
बहुत खूबसूरत पंक्तियां एवं भाव
बहुत ही सुंदर