जिंदगी
सर्द इस मौसम मे बस जिए जा रहे हैं
दामन मे बस सफा है
इसी का घुमान किया तो तुम घमंड समझ लिए
तू पाक हैं तू परवर्दिकार है बस यह इल्तिज़ा है
की मेरे जिंदगी के मकसद मे टीका रहूं
रब का रास्ता बस मेरे दिल का रास्ता हों
लफ्जों की भीड़ मे भूल ना जाऊ जो मेरे दीन की सीख हो
सुन्दर रचना
धन्यवाद
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
धन्यवाद