रिश्ता

बढ़ती रात के साथ रजनीगन्धा महकता है बिन लिबास की खुशबू से सारा समा बहकता है। आज जो तू ने बिताए खिलखिलाते पल, वो आकर…

यादें

बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…

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