रिश्ता
बढ़ती रात के साथ रजनीगन्धा महकता है
बिन लिबास की खुशबू से सारा समा बहकता है।
आज जो तू ने बिताए खिलखिलाते पल,
वो आकर तुझे ज़रूर हँसाएँगे कल।
दुनिया की परवाह में अपना वक्त जा़या न करना;
लोग क्या कहेंगे इस ख़याल से आँखें न भरना।
कौन कहता है बादलों में छुपा चाँद खूबसूरत नहीं?
सच मान हर रिश्ते को नाम की ज़रूरत नहीं!
Good one
Thanks
Good
वाह बहुत सुंदर
Thanks a lot
सुंदर रचना
धन्यवाद