सत्य

दुनिया के अनजाने भीड़ भाड़ में हम ऐसे अकेले आ खड़े हैं, कोई समझे न कोई अपना अंक ये कैसी मुश्किल से जूझ रहे हैं।…

बेरंग

तूझसे मिलकर लगा कि कुछ यूं जिंदगी बिताएगे कुछ तुम बोलोगे कुछ हम कहते जाएंगे यूं ही समय,दिन और ऋतु बदल गई न जाने किसकी…

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