बुरा वक्त हैं
अक्सर इल्ज़ामात पर इल्ज़ाम लगाते हैं हम बोलते नहीं, बस चुप रह जाते हैं… बता दूं.. बुरे हम नहीं, बुरा हमारा वक़्त है वो कहता…
अक्सर इल्ज़ामात पर इल्ज़ाम लगाते हैं हम बोलते नहीं, बस चुप रह जाते हैं… बता दूं.. बुरे हम नहीं, बुरा हमारा वक़्त है वो कहता…
जब मेरा अंत समय है नज़दीक हो, तब आँखों में छवि मेरे बच्चों की हो, और मेरे हाथों में हाथ तेरा हो… आयी थी जिस…
अपने चहरे को इस तरह अपनी शक्सीयत के अनुरूप बनाइए… कि अपके पूरे विवरण के लिए… केवल चहरा ही काफी हों।। HEMANKUR❤️
दुनिया के अनजाने भीड़ भाड़ में हम ऐसे अकेले आ खड़े हैं, कोई समझे न कोई अपना अंक ये कैसी मुश्किल से जूझ रहे हैं।…
इतने मशरूफ हो गए हम औरों में ए- ज़िंदगी… कि भूल ही गए… तुझ पर हमारा भी तो कोई हक था। 😞😒💔 HEMANKUR❤️
कुछ इस तरह तेरा तूझे याद किया करते हैं, सब हैं करीब, पर तेरी ही कमी महसूस किया करते हैं। ज़िक्र चलता हैं किसी ओर…
दुनिया देखूं या खुद को देखूं , ये कैसी घड़ी आई हैं सब कुछ होकर भी हम अकेले, यह कैसी तन्हाई हैं ख़ुद की इच्छा…
जिसको पल-पल खोजू बाहर, ढूंढे से न मिलता हैं ऐसी भी क्या ख़ता हुई जो, हर बार आशा का दीपक बूझता हैं एक छोटी सी…
रंग-बिरंगे नज़ारे हैं बेहिसाब.. खो न जाना इन नज़ारो में.. ज़रा सम्भलना, यह दुनिया हैं जनाब। साथ बैठ के खाते जिस संग, वहीं दगा कर…
जिसे पल-पल दिल से चाहा, उसका एक कतरा भी हमारा न हुआ। कसमें- वादे हमसें थे, पर खुशी का हम संग बटँवारा न हुआ। झूमते…
तूझसे मिलकर लगा कि कुछ यूं जिंदगी बिताएगे कुछ तुम बोलोगे कुछ हम कहते जाएंगे यूं ही समय,दिन और ऋतु बदल गई न जाने किसकी…
छोटी-सी ज़िंदगी में, हर कोई अपने सपनें सजाता हैं। विवाह तो सभी करते हैं… वह फौजी हैं साहब, जो आठवें वचन के साथ गृहस्थ जीवन…
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