सच्चा मित्र
सच्चे मित्र की तलाश में , मैं इस तह तक जा लिया | सच्चा मित्र खोजते – खोजते खुद को ही पा लिया ||
सच्चे मित्र की तलाश में , मैं इस तह तक जा लिया | सच्चा मित्र खोजते – खोजते खुद को ही पा लिया ||
वोट लेने आए नेता हमको जीता दो अपनी भी समस्याएँ सारी हमको बता दो लाऊँगा मै विकास आप सबके घरों में मुझको उस विकास का…
महादेव शिव भोले की है, महारात्रि भक्तों आई, पावन दिन माँ गौरी जी हैं, अपने पति शिव को पाई, शिवत्व शिखर चेतना का है, क्यों…
कभी कसमें खिलाती थी मुझे ना दूर जाना तुम सदा ही साथ में रह के महक बन फूल जाना तुम मगर मजबूरियाँ कैसी जुदा जो…
ये उदासी कौन्सी चिड़िया है ? इसका घोंसला कहाँ है ? ये कहीं रहती भी है ? या बस उड़े ही जा रही है ?…
हाय ओ चन्द्रमा ! तू है कितना खूबसूरत , समाई है तुझमें जाने कितने हज़ारों की मूरत। रौशनी तेरी जगती है मुझे सारी रात ,…
पर्यावरण पर मुक्तक (1) प्रकृति के साथ समझौता न करता आज का मानव पेड़ पर्वत काट अतिशय मगन मन मनराज का मानव । कामना की…
थर-थर कॉंप उठी थी धरती, रूह थम गई थी अंग्रेजों की। ऐसी थी वो रानी लक्ष्मी, अपनी झाॅंसी के वीरों की। जन्मी जब प्रकृति ने…
आज फिर मुलाकात हुई उससे, किसी और के ज़रिए, किसी की बातों में उसका ज़िक्र आया। किसी ने फिर से खोल के रखी उसकी बातें।…
मैं कहाँ था कहाँ से कहाँ आ गया मैं जंहा था जहां से जंहा खो दिया मंजिल थी मेरी कहि और पर पर में खोया…
अँधेरा होने से पहले आ जाओ इतने प्यार से बुलाया है आ जाओ जख़्म पे मरहम ना लगाओ ना सही जख़्म को हरा करने ही…
तेरी आँखों में देखकर मैं दुनिया भूल जाता हूँ तेरी तस्वीर को देखकर मैं बेख्याल हो जाता हूँ
1 मेरे दिल से खिलवाड़ ना कर.. मैं तूफान का जलजला हूँ मुझसे प्यार ना कर.. 2 बढ़ती उम्र के साथ जिद समझौतों में बदल…
उसके होंठों को जब तुमने प्यार से चूमा होगा । ❤ खयाल एक पल को मेरा भी तो आया होगा । ❤
मिट्टी से दीये बनते हैं और उजाले मन के अंधेरों को दूर करते हैं
अरे! कभी तो तारीफ़ कर दे इस नामाकूल की! हर दफ़ा क्या तू मजम्मत ही करता रहेगा!!!!
कितनी कोशिश की सबके दिल में समाने की वक्त आने पर सभी ने जुर्रत की मुँह छुपाने की
वह कैसी तलवार कि जिसमें धार नहीं है कौन कहेगा सिन्धु जहाँ मझधार नहीं है, सिर्फ ताप के लिए जले वह ज्वाला कैसी आँखों से…
नाम है अनेक तेरे कण कण मे आप हो देखना बस एक झलक, सांसो में आलाप हो मैं कलंकित शंकित हूँ जरा, गंगाधर आप हो…
आजकल थोड़ा खफा सा रहता है जग रहा मगर सोया सा रहता है पर जाने क्या है मजबूरी उसकी वो बैठा हुआ थका सा रहता…
हो रहा विमुख-सा मन, न इच्छा बची ना चाह। यह उम्र का पड़ाव, सच में इरादों को छीन-हीन, कर ही देता है। वह पहले सा…
Tu Naya he….
बारिश की बूंदें सहला गईं प्रकृति का अंग अंग हरियाईं उपेक्षित शिलाएं अहिल्या जन्मी राम जी के पदन्यास से ०८.०२.२०२२
किताबें और कलम होती हैं हमारी मार्गदर्शिका* हमारे जीवन में निभाती है महत्वपूर्ण भूमिका* ताउम्र हम सीखते हैं इनसे, ये हैं हमारी विरासत मानव विकास…
मत करना वो बात कि जिससे ठेस लगे सचमुच में, प्रेम ही जीवन, प्रेम ही सब कुछ, प्रेम-बोल हो मुख में। वो होते हैं सच्चे…
नजर हो यदि कभी टेढ़ी विधाता की तुम्हारे पर, उन्हें बस हाथ जोड़े तुम जरा प्रणाम कर लेना, सभी कुछ आपका ही है यही कह…
मेहनत रंग लाती है हमें मंजिल दिलाती है, बिना मेहनत किसी के पास कोई चीज आती है।
चींटी को देखिए कितनी है अदभुत अनोखी हैं टांगें आंखें हैं अदभुत। अस्तित्व उसका ईश्वर ने सजाया चींटी का संसार रब ने बनाया।
हृदय देह के जीवित रहने में सहायक एक अंग मात्र नहीं है..!! अपितु, यह वो स्थान है जहाँ प्रस्फुटित होते हैं उन कोमल भावनाओं के…
गा रहे गीत ये विहग प्यारे न जाने कौन सी हैं भाषाएं मस्त हैं खेलते हैं आपस में न कोई गम न कोई आशाएं।
हमारी जिन्दगी का सफर बड़े आराम से कट रहा है क्योकिं ———————- अब हम परवाह नहीं करते कि कोई क्या कहता है।
नहीं सम्भल पाये हम ना जुल्फों को ही सम्भाला, मेरी कलम ने इस बीच कितनों को बेआबरू कर डाला।
वो न जाने क्यों अपना लगता है, कभी बीते कल में देखा सपना लगता है। तुम कुछ भी कहो गाओ बजाओ, लेकिन मुझे सबसे अच्छा…
अन्दर की बातें बाहर करने वाले नजरों से गिर जाते हैं, बस एक कलम है जिससे मोहब्बत बढ़ती जाती है।
प्रेम से अधिक प्रिय कोई एहसास नहीं जो इसे नहीं समझते उनसे प्रेम की आस नहीं। बसाया कभी था जिसको ह्रदय में, अब उसी को…
वो शीतलता का आनन्द नहीं समझते हैं जो नफरत की आग लगाया करते हैं।
जीवन की सुंदरता को कहाँ वो जानते हैं ?? जो स्वयं से अधिक किसी और को पहचानते हैं।
मातृ भाषा दिवस हिंदी दिवस की, सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
तुम्हारी तरह खूबसूरत, हरियाली, खुशहाली चारों तरफ, खिली हुई है, प्रेम की हवा चल रही है, दर्द की दवा बन रही है, यूँ ही दिखते…
उम्मीद छोड़ कर तुम थक हार कर न बैठो जब तक न पा सको तुम तब तक न हार बैठो। पाने का यदि इरादा सचमुच…
बात छोटी सी है, मगर मुश्किल बड़ी है, बहू बेटी दोनों बराबर, किस अंतर से छोटी बड़ी है। दोनों इज्जत ही तो है अपने घराने…
यूँ तो ख़ामोशियों की कोई ज़ुबान नहीं होती लेकिन… प्रेम में ख़ामोशियों को समझना बहुत मायने रखता है l अगर एक दूजे की ख़ामोशियों को…
सूखी डाली के पहलू में चाँद पनाह मांग रहा है। लाचारी है कि वह क्या करे वक्त भी अपनी रफ्तार में है
ढलता अंधेरा और काली सी महिला बाजार किनारे खड़ी, हाथों में थैला अजनवी थी मगर कुछ अलग था चेहरे में जैसे खुशी खड़ी हो उदासी…
देखकर मुस्कुराते भी नही क्या इतना बुरा हो गया हूं मैं हर बार आप-आप कहती हो सच्ची, इतना बड़ा हो गया हूं मैं बचपन मे…
जीन्स पहनी शर्ट घौंसी जिस्म नहला लिया इत्र से आईने में देखा मुस्कुराहट ने कहा अभी जवान हूँ भोले, किसी से कम हैं के बाहर…
जीवन भर बिना थके,मुस्कुराते हुए अपने संघर्षरत बच्चे को कांधे पर उठाकर चलने वाले पिता का पर्याय बन सके, ऐसा बिंब, रचा ही नहीं गया…
जिनके बिना मेरा नाम अधूरा जिनके साथ मेरा परिवार पूरा वो छत है बाकी सब दीवारें है एक उन्होंने पूरे घर के सपने सँवारे है…
सती और शिव संबाद प्रथम मिलन पर माना तुमने मुझसे प्रेम किया प्रेम ने मेरा भी मन छू लिया एक फ़क़ीर हूँ मैं, जानती हो…
जब तक मैं कंवारा था मजाक और झूठ का अंतर नही समझ पाया अब जानता हूँ सच तो लोग खुद से भी नही बोल पाते…
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