khwahishen

सेहम जाती है आँखे अधुरे ख्वाहिशों के बारिश में भीग कर,
एहसासों के बदलते भंवर में अक्सर डुब जाती हुं मैं ….

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सेहम जाती है आँखे अधुरे ख्वाहिशों के बारिश में भीग कर, एहसासों के बदलते भंवर में अक्सर डुब जाती हुं मैं ….

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