le jaao

चाहिये तो जनाब ले जाओ
मेरे ग़म बे हिसाब ले जाओ
सारी बातें तो आप ने कह दीं
अब मेरा भी जवाब ले जाओ
रात में काम जुगनूओं का है
डूबता आफ़ताब ले जाओ
जब हक़ीक़त को पा नहीँ सकते
क्या करेंगे ये ख्वाब ले जाओ
अपने वो ख़त वफाये उल्फ़त के
अब हैं सूखे गुलाब ले जाओ
तुमसे बिछड़े तो टूट कर बिखरे
दिल की मुर्दा किताब ले जाओ
कितना चाहा है तुमको आरिफ ने
हर घड़ी का हिसाब ले जाओ
आरिफ जाफरी
Nice
umda!