Author: Mohammad Jafri
जान भी तू है ज़िन्दगी तू है
जान भी तू है ज़िन्दगी तू है जाने जाँ जाने शायरी तू है खुश्बू-ए-इश्क से धुली तू है मेरी सांसो मॆं बस गई तू है…
तुझको पा कर
तुझको पा कर वो यूँ नहीँ खोती गर महब्बत हक़ीक़तन होती रिज़्क़ अपना वो साथ लाती है बोझ लड़की कभी नहीँ होती सीपियों से न…
मिले वो ज़ख्म
मिले वो ज़ख्म के सारे अजीब लगते हैं पराये अपने हमारे अजीब लगते हैं जो तुम थि साथ अँधेरे से दिल बहेलता था जो तुम…
ये पानी नहर का गहरा कहाँ है
ये पानी नहर का गहरा कहाँ है समंदर की तरह ठहरा कहाँ है छिपा सकते नहीँ हरगिज़ खुदा से हमारा दूसरा चेहरा कहाँ है हमारी…
गिरते गिरते ही सम्भलते हैं सब
गिरते गिरते ही सम्भलते हैं सब फ़िर कहीँ आगे निकलते हैं सब ऐसे क़ाबिल तो नहीँ बनता कोई पहले जलते हैं पिघलते हैं सब कौन…
माँ
माँ… कितनी प्यारी प्यारी है माँ खुशबू है” फुलवारी है माँ मेरी पहली पहली चाहत मुझमें नज़र आई जो शबाहत मैं था जब नन्हा सा…
Jagmagaaya hai jab khushi ka charaagh
जगमगाया है जब खुशी का चराग़ गुल हुआ बज़्मे बेबसी का चराग़ था कभी वजह रोशनी दिल की वो अमानत है अब किसी का…
le jaao
चाहिये तो जनाब ले जाओ मेरे ग़म बे हिसाब ले जाओ सारी बातें तो आप ने कह दीं अब मेरा भी जवाब ले जाओ…
KHUD KO DEKHE’N WO AAINAA HI NAHI’N
KHUD KO DEKHE’N WO AAINAA HI NAHI’N WO MILAA JAISE WO MILAA HI NAHI’N KAISE JITE HAI’N.ZINDAGI AARIF JINKE MAA BAAP KA PATAA HI NAHI…
Aise kaise wo bhool paayeGi
Aise kaise wo bhool paayeGi Yaad meri use sataayegi Aor madhosh mujhko rahne do Hosh aayega yaad aayegi Arif Jafri
ख़्वाब है या के ख़्वाबो की ताबीर है
ख़्वाब है या के ख़्वाबो की ताबीर है.. ज़िन्दगी इक पहेली की तस्वीर है.. है बदौलत फ़कत अपने आमाल की अय नजूमी जो हाँथों…
शाम ढलती रही…
शाम ढ़लती गयी शम्अ जलती रही.. और तबीयत हमारी मचलती रही .. मेरी हालत की उनको ख़बर तक न थी उम्र आहिस्त करवट बदलती…
मुस्कुराहट के सिवा
मुस्कुराहट के सिवा कुछ शक्ल दिखलाता नहीँ. हाले दिल की कैफियत कोई समझ पाता नहीँ. ग़म लिपटता है हमेशा जिस्म से कुछ इस तरह पास…