नील पदम्
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नील पदम् commented on the post, *प्रकृति वर्णन* 2 days, 15 hours ago
धन्यवाद
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नील पदम् wrote a new post, *प्रकृति वर्णन* 3 days ago
*प्रकृति वर्णन*
सुबह उठें हम सूरज की
मखमली रोशनी को पायें,
चिड़ियों का संगीत सुने और
फूल कोई कविता गायें ।।
भंवरों का संगीत मनोहर
हरियाली स्वर्ग सी है,
नदियों का मुड़ मुड़कर चलना
जैसे कोई नर्तकी है ।।
शा […] -
नील पदम् wrote a new post, हाँ, मेरी माँ हो तुम 1 week ago
थकती हैं संवेदनाएँ जब
तुम्हारा सहारा लेता हूँ,
निराशा भरे पथ पर भी
तुमसे ढाढ़स ले लेता हूँ,
अवसाद का जब कभी
उफनता है सागर मन में
मैं आगे बढ़कर तत्पर
तेरा आलिंगन करता हूँ,
सिकुड़ता हूँ शीत में
जब कभी एकाक […] -
नील पदम् commented on the post, बोगेनविलिया 1 week, 3 days ago
Thanks
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नील पदम् commented on the post, चलते चलते 1 week, 3 days ago
Thanks
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नील पदम् commented on the post, तुम धूप बुला लो 1 week, 4 days ago
आपका धन्यवाद
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नील पदम् posted a new activity comment 1 week, 4 days ago
Thank you
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नील पदम् commented on the post, प्यासा समंदर और मैं 1 week, 4 days ago
धन्यवाद
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नील पदम् commented on the post, तुम धूप बुला लो 1 week, 4 days ago
शुक्रिया
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नील पदम् commented on the post, तुम धूप बुला लो 1 week, 4 days ago
धन्यवाद
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नील पदम् commented on the post, चलते चलते 1 week, 4 days ago
धन्यवाद
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नील पदम् commented on the post, चलते चलते 1 week, 4 days ago
Thank you
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नील पदम् commented on the post, चलते चलते 1 week, 4 days ago
धन्यवाद
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नील पदम् commented on the post, यूं ही चलते चलते 1 week, 4 days ago
धन्यवाद
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नील पदम् commented on the post, यूं ही चलते चलते 1 week, 4 days ago
Sशुक्रिया
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नील पदम् commented on the post, यूं ही चलते चलते 1 week, 4 days ago
Thank you
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नील पदम् commented on the post, यूं ही चलते चलते 1 week, 4 days ago
Thank you
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नील पदम् wrote a new post, यूं ही चलते चलते 1 week, 4 days ago
निगाहों के पैमाने से शख्शियत भांप लेते है,
राह चलते ही बुलंदियों के कद मांप लेते हैं।।जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता,
वो तो मेरी बेफिक्री से भी जल बैठे ॥सरहदें बदलती हैं दिनरात अपनी,
चलो समझौता, सुल […] -
नील पदम् wrote a new post, यूं ही चलते चलते 1 week, 4 days ago
निगाहों के पैमाने से शख्शियत भांप लेते है,
राह चलते ही बुलंदियों के कद मांप लेते हैं।।जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता,
वो तो मेरी बेफिक्री से भी जल बैठे ॥सरहदें बदलती हैं दिनरात अपनी,
चलो समझौता, सुल […] -
नील पदम् wrote a new post, चलते चलते 1 week, 4 days ago
जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता,
वो तो मेरी बेफिक्री से भी जल बैठे ॥@नील पदम्
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Nice
धन्यवाद
Good
Sundar
Good
Nice
Nice
सुन्दर रचना