Mithilesh Rai
मुक्तक
February 15, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
जिस्म है मेरा मगर जिन्दगी तुम्हारी है!
तेरे बगैर तन्हा हर खुशी हमारी है!
सुलग रही है साँसों में आग चाहतों की,
शामे-मयकशी भी मेरी लाचारी है!
#महादेव_की_कविताऐं’
मुक्तक
December 29, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
तेरे बगैर तन्हा क्या रखा है जीने में?
अश्कों की लहर को रफ्ता रफ्ता पीने में!
खोया हुआ रहता हूँ यादों में महादेव,
गुजर रही है जिन्दगी जख्मों को सीने में!
#महादेव_की_कविताऐं (25)