Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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Rita arora jai hind
नर्म घास का बिछोना बिछा ख्वाहिशे कम कर नीलगगन1 की छत तले सुकून पूर्वक सो जाता हूँ शुभ – रात्रि रीता जयहिंद ?? ???⭐✨☔???
Rita arora jai hind
ऐ बंदा करम कर लेना फल की चिंता मत कर प्यारे ईश सब जानता रीता जयहिंद मैं जल चढ़ाने भोले बाबा के मंदिर में सोमवार…
Rita arora jai hind
अब ठंडक मौसम में कुछ तो बदला परिवेश सा है मनुवा नाच उठा रीता जयहिंद ऐ बंदा करम कर लेना फल की चिंता मत कर…
Rita arora jai hind
ख्वाबों को अँखियन में संजोकर पलकों की चिलमन को गिराकर उजाले को कुछ कम तुम करके गुरु जनों का सिमरन तुम करके नींद के आलिंगन…
Rita arora jai hind
कोई लौटा दे रे मेरे बचपन के दिन जब ना थी कोई चिंता व फिकर वो जोर – जोर के गीतों का गाना बारिश में…
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