Rita arora jai hind

चांदनी की चादर ओढ खुले आकाश के तले चांद तारों से बातें कर मस्त पवन के झोंको से सारी दुनिया से बेखबर जाने कब सो…

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नर्म घास का बिछोना बिछा ख्वाहिशे कम कर नीलगगन1 की छत तले सुकून पूर्वक सो जाता हूँ शुभ – रात्रि रीता जयहिंद ?? ???⭐✨☔???

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ख्वाबों को अँखियन में संजोकर पलकों की चिलमन को गिराकर उजाले को कुछ कम तुम करके गुरु जनों का सिमरन तुम करके नींद के आलिंगन…

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चलो उस पार चलते हैं जहाँ गमों की धूप नहीं सुख के ताने बाने है रजाई में दुबक कर नींद के आगोश में खोकर सपने…

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विषय – शीत ( सर्दी ) विधा – वर्ण पिरामिड प्रस्तुति – रीता जयहिंद ?? मैं शीत का मजा लेने धूप सेक रही थी आनंदित…

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कोई लौटा दे रे मेरे बचपन के दिन जब ना थी कोई चिंता व फिकर वो जोर – जोर के गीतों का गाना बारिश में…

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रीता जयहिंद ?? 9717281210 प्रार्थना – ????? हे भगवन् भाव ह्रदय में छुपाकर श्रद्धा के कुछ सुमन चढ़ा कर आँख से अश्रुओं को रोककर द्वार…

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रात मैंने एक सपना देखा आसमान से कुछ परियां आई उनके सुंदर पंख लगे थे सिर पर उनके सुंदर मुकुट था होंठ उनके सुर्ख लाल…

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जाड़े की ऋतु आई गरमी की हुई विदाई रेवड़ी मूँगफली घर में आई शरबत कोल्ड्र ड्रिंक जूस सबकी हो गयी छुट्टी चाय काॅफी घर में…

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हे जीवन के दातार मैं ठाड़ी तोहरे द्वार लेके उम्मीदों के हार मोरी नैया लगा दे पार बिगड़ी बना दे इक बार मोरा जीवन दे…

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कोई लौटा दे रे मेरे बचपन के दिन जब ना थी कोई चिंता व फिकर वो जोर – जोर के गीतों का गाना बारिश में…

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एक प्रयास मापनी 211 211 211 22 रे मन बावरा हुआ जाय है बादलों में घटा घिर आयी रे। श्याम बंसी की तान सुना दे…

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मापनी 211 211 211 22 मैं बालक तुम पालनहार शरण पड़ी प्रभु राखो लाज । दाता दीनबंधु हे दीनानाथ कब से खड़ी हूँ मैं तेरे…

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वसंत ऋतु पर मेरी ये कविता ?? रीता जयहिंद ?? आया वसंत देखो आया वसंत । खुशियों की सौगात लाया वसंत ।। पेड़ पौधे पशु…

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विषय – चित्र छवि पर कान्हा को रिझावत राधे जलाय के दिया और बाती प्रेम मगन भये कुंज बिहारी निहारत दोउ नैनन के संग राधे…

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यूँ सुबह का होना । यूँ बादलों का गरजना ।। यूँ बिजली का कड़कना । यूँ तूफानों का आ जाना ।। यूँ दरिया का बहते…

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ऐ बंदा करम कर लेना फल की चिंता मत कर प्यारे ईश सब जानता रीता जयहिंद मैं जल चढ़ाने भोले बाबा के मंदिर में सोमवार…

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अब ठंडक मौसम में कुछ तो बदला परिवेश सा है मनुवा नाच उठा रीता जयहिंद ऐ बंदा करम कर लेना फल की चिंता मत कर…

सुबह सवेरे जागकर , करो सूर्य प्रणाम अंधकार दूर हो जाये ,जग चानन हो जाये ।। रात्रि के पहर में , चांद को अरक दीजिए…

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मेरा परिचय नाम है मेरा रीता अरोरा परिचय का मोहताज नहीं जन्म हुआ हाथरस में कविता मेरा शौक है दिल्ली की वासी हूँ मैं आई…

नारी वर्णन

मयखाने में साक़ी जैसी दीपक में बाती जैसी नयनो में फैले काजल सी बगिया में अमराई जैसी बरगद की शीतल छाया-सी बसन्त शोभित सुरभी जैसी…

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