तुम्हारे सब चाहने वाले मिलकर
तुम्हारे??सब चाहने वाले मिलकर भी उतना ??नही चाह सकते?तुंम्हे जितनी मुहोब्बत ❤मै अकेली☝?करती हूँ ??तुमसे????❤
तुम्हारे??सब चाहने वाले मिलकर भी उतना ??नही चाह सकते?तुंम्हे जितनी मुहोब्बत ❤मै अकेली☝?करती हूँ ??तुमसे????❤
अब कल क्या लिखूंगी मै यही सोच के डर जाती हूं ,,,,,,, फिर नये गमो से वास्ता होगा इसी उम्मीद में हर रात मै पुराने…
मेरे प्यार को मुझे से चुरा लिया किसी और ने ? ख्वाब मैने देखा था मगर उसको हकीकत बना लिया किसी और ने,,,,®
क्रोध की अग्नि में तपकर गरम हुआ दिमाग ठंडी को भूल बरफ से शीतल किया दिमाग क्रोध ठिकाने लग गया ठंडे पड़ गये आज ।…
आँखों से गमों की बारिश में छाता लेकर ज्यों ही घर से निकले हम राह में कुछ लोगों को कहते सुना अच्छे दिन आयेंगे बारिश…
विषय – नारी के प्रति पुरुष की सोच लेख – रीता जयहिंद ✍? पुरातन समय में पुरुष की सोच नारी के प्रति सिर्फ घर के…
चांदनी की चादर ओढ खुले आकाश के तले चांद तारों से बातें कर मस्त पवन के झोंको से सारी दुनिया से बेखबर जाने कब सो…
नर्म घास का बिछोना बिछा ख्वाहिशे कम कर नीलगगन1 की छत तले सुकून पूर्वक सो जाता हूँ शुभ – रात्रि रीता जयहिंद ?? ???⭐✨☔???
ख्वाबों को अँखियन में संजोकर पलकों की चिलमन को गिराकर उजाले को कुछ कम तुम करके गुरु जनों का सिमरन तुम करके नींद के आलिंगन…
चलो उस पार चलते हैं जहाँ गमों की धूप नहीं सुख के ताने बाने है रजाई में दुबक कर नींद के आगोश में खोकर सपने…
विषय – शीत ( सर्दी ) विधा – वर्ण पिरामिड प्रस्तुति – रीता जयहिंद ?? मैं शीत का मजा लेने धूप सेक रही थी आनंदित…
कोई लौटा दे रे मेरे बचपन के दिन जब ना थी कोई चिंता व फिकर वो जोर – जोर के गीतों का गाना बारिश में…
रीता जयहिंद ?? 9717281210 प्रार्थना – ????? हे भगवन् भाव ह्रदय में छुपाकर श्रद्धा के कुछ सुमन चढ़ा कर आँख से अश्रुओं को रोककर द्वार…
रात मैंने एक सपना देखा आसमान से कुछ परियां आई उनके सुंदर पंख लगे थे सिर पर उनके सुंदर मुकुट था होंठ उनके सुर्ख लाल…
जाड़े की ऋतु आई गरमी की हुई विदाई रेवड़ी मूँगफली घर में आई शरबत कोल्ड्र ड्रिंक जूस सबकी हो गयी छुट्टी चाय काॅफी घर में…
हे जीवन के दातार मैं ठाड़ी तोहरे द्वार लेके उम्मीदों के हार मोरी नैया लगा दे पार बिगड़ी बना दे इक बार मोरा जीवन दे…
कोई लौटा दे रे मेरे बचपन के दिन जब ना थी कोई चिंता व फिकर वो जोर – जोर के गीतों का गाना बारिश में…
एक प्रयास मापनी 211 211 211 22 रे मन बावरा हुआ जाय है बादलों में घटा घिर आयी रे। श्याम बंसी की तान सुना दे…
मापनी 211 211 211 22 मैं बालक तुम पालनहार शरण पड़ी प्रभु राखो लाज । दाता दीनबंधु हे दीनानाथ कब से खड़ी हूँ मैं तेरे…
वसंत ऋतु पर मेरी ये कविता ?? रीता जयहिंद ?? आया वसंत देखो आया वसंत । खुशियों की सौगात लाया वसंत ।। पेड़ पौधे पशु…
विषय – चित्र छवि पर कान्हा को रिझावत राधे जलाय के दिया और बाती प्रेम मगन भये कुंज बिहारी निहारत दोउ नैनन के संग राधे…
यूँ सुबह का होना । यूँ बादलों का गरजना ।। यूँ बिजली का कड़कना । यूँ तूफानों का आ जाना ।। यूँ दरिया का बहते…
ऐ बंदा करम कर लेना फल की चिंता मत कर प्यारे ईश सब जानता रीता जयहिंद मैं जल चढ़ाने भोले बाबा के मंदिर में सोमवार…
अब ठंडक मौसम में कुछ तो बदला परिवेश सा है मनुवा नाच उठा रीता जयहिंद ऐ बंदा करम कर लेना फल की चिंता मत कर…
सुबह सवेरे जागकर , करो सूर्य प्रणाम अंधकार दूर हो जाये ,जग चानन हो जाये ।। रात्रि के पहर में , चांद को अरक दीजिए…
मेरा परिचय नाम है मेरा रीता अरोरा परिचय का मोहताज नहीं जन्म हुआ हाथरस में कविता मेरा शौक है दिल्ली की वासी हूँ मैं आई…
जब आई थी सजधज कर तुमसे मिलने लिये हाथों में गुलाब का फूल कोई हसरत थी मन में प्यार की जब कोई कमेंट ना किया…
किसी की ऑख़ों में ऑसू थे मेरे लिए वह शख्स मुझे दुनिया में सबसे प्यारा लगा प्रस्तुति – रीता जयहिंद
कितना भी मैं करना चाहूँ मैं अपने प्यार का इजहार आई लव यू कहकर पर कमबख्त जुबान फिसल जाती है और मुँह से निकल जाता…
चंदा से सीखो तुम घना कोहरा छाया चांद ना घबड़ाया बारिश ने धूम मचाई काली घटा घिर आई बादलों के आगोश में छिपकर रात बिताई…
केजू भैया सोच रहे ये मोदी ने तो खाई मलाई अपने हाथ तो फोक भी ना आई केजू भैया इसमें तेरी नहीं कोई बुराई दूसरे…
जब से ये नोटबंदी हुई है। सभी पत्नियों की घेराबंदी हुई है छुपे हुये नोटों की पतियों से पत्नियों की चर्चा सरेआम हुई है पत्नियों…
अपना बचपन की सत्य गाथा सुंदर सा परिवार हमारा छोटा शहर हाथरस था प्यारा पांच भाई और हम दो थी बहना मात – पिता के…
मोहब्बत और दुशमनी जो दिल से निभाते है बस वही शख्स दुनिया में जी पाते है दीन – दुखियों की जो सेवा करते हैं बस…
शादी हो या मौत जन्म हो या जन्म दिन खुशी हो या गम पंडित के होते सब अच्छे दिन परंतु क्या जब हुई नोटबंदी तब…
जब आई थी सजधज कर तुमसे मिलने लिये हाथों में गुलाब का फूल कोई हसरत थी मन में प्यार की जब कोई कमेंट ना किया…
लिपट कर एक बेल एक पेड़ को,आधार पा गई थी बहुत खुश थी सुंदर फूल उगाती थी और गिराती थी जैसे पुष्प वर्षा हो वो…
ऐ मेरे स्कूल मुझे, जरा फिर से तो बुलाना… कमीज के बटन ऊपर नीचे लगाना, वो अपने बाल खुद न काढ़ पाना, पी टी शूज…
मयखाने में साक़ी जैसी दीपक में बाती जैसी नयनो में फैले काजल सी बगिया में अमराई जैसी बरगद की शीतल छाया-सी बसन्त शोभित सुरभी जैसी…
दिल के एक कोने मे मन्दिर बना लो। मात-पिता की मूरत उस मे बिठा लो। दिया ना जलाओ पर गले से लगा लो। आरती के…
कौन बिन माँ के जगत में जन्म पाया , देव से बढ़कर तुम्हारी मातृ माया , है नही ऋण मुक्त कोई मातृ से , जन्म…
नाज हमें है उन वीरों पर, जो मान बड़ा कर आये हैं। दुश्मन को घुसकर के मारा, शान बड़ा कर आये हैं।I मोदी जी अब…
कई मंथराओं का मिलन– परिहास पर है कैकयी फिर भृमित कोप में उपवास पर है तड़फ रहे जनता के दशरथ हाथ मल रहै देख रहै…
तुम आओ सिंह की सवार बन कर ! माँ तुम आओ रंगो की फुहार बनकर ! माँ तुम आओ पुष्पों की बहार बनकर ! माँ…
हम भारतवासी हैं हम सभी धर्मों का आदर करते हैं जो भारत मां की तरफ आंखों उठायेगा उसका सीना चीर दिया जाएगा जो इन दिलों…
पाक के गद्दारों के लहू से कर दो धरती लाल उसी खून से करना है माँ भारती का श्रंगार तत्पश्चात चिड़ियाघर में भूखे शेरो और…
कितना भी मैं करना चाहूँ मैं अपने प्यार का इजहार आई लव यू कहकर पर कमबख्त जुबान फिसल जाती है और मुँह से निकल जाता…
किसी की ऑख़ों में ऑसू थे मेरे लिए वह शख्स मुझे दुनिया में सबसे प्यारा लगा प्रस्तुति – रीता जयहिंद
जब घर से निकली तो बिलकुल अकेली थी मैं जब मुसीबतों ने घेरा मुझे तो मदद करने वालों की कोई कमी नहीं थी जहान् में
जब पाक साफ कर लोटकर आयेगे हमारे वीर जवान मैं साल में मनाऊॅगी दीवाली बारह बार कनातों पर दीपक रोज जलाऊॅगी और पाकिस्तान की धरती…
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