Categories: ग़ज़ल
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अधूरे हैं
तुम्हारे होंठों की सरगम बिन मेरे गीत अधूरे हैं। मेरी नजरों से रहते दूर तुम मेरे प्रीत अधूरे हैं। तुम्हें खोकर सारी दुनिया जीतूँ मेरे…
अधूरे ख्वाब
अधूरे ख्वाब थे ख्वाब जो चुन-बुन सजाए हमनें पा मुझको तन्हा , बहुत तड़पाते हैं . कारवाँ तेरी यादों का लंबा है ,…
जो सपने अधुरे रह गए
जो सपने अधूरे रह गए वही शब्दों में बदल गए लिखना अब और नही है मुझे पर अभी ज़िंदगी के कई और इंतिहाम रह गए…
कुछ बीते हुये दिन,कुछ अधूरे से वादें
कुछ बीते हुये वो दिन, कुछ भूली बिसरी यादें, कुछ पुराने से पलछिन, कुछ अधूरे से वादें ।। याद बहुत अाते हैं वो बीते हुए…
Pulbama
छोड़कर मुझे तुम इतनी जल्दी क्यों चले गए , अभी तो सुख के पल आए ही थे अभी ही चले गए , जाने किसकी बुरी…
nice poem sirji
Thanks
kya baat he…bahut achi kavita
Thanks
बहुत खुब…
Thanks
Takraane se pata mil jaaega….ye jabaab the laharon ke…bahut khoob!
Thanks
nice and beautiful
good lines and I must say… Jaandaar!
Thanks
wonderful..so deep…long experience is reflecting from each and every word..Great!
Thanks
वाह