अभी तो बचा है बदलाव का बीज बनना है
कोई जमीन अभी भी है जहां मैं अभी तक गया नहीं हूं
कोई आकाश बचा है अभी भी जहां मुझे पहुंचना है
दो परतों के दरम्या मैं ठहरा हआ
अभी तो बचा है बदलाव का बीज बनना…
कोई जमीन अभी भी है जहां मैं अभी तक गया नहीं हूं
कोई आकाश बचा है अभी भी जहां मुझे पहुंचना है
दो परतों के दरम्या मैं ठहरा हआ
अभी तो बचा है बदलाव का बीज बनना…
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nice poetry..बदलाव का बीज..nice
thanks bro
वाह बहुत सुंदर
दो परतों के दरम्या मैं ठहरा हआ
बहुत खूब