Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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जटायु अंत में आंखें खोले
जटायु अंत में आंखें खोले हाथ जोड़ के करे वंदना रोता रोता बोली जटायु अपनी आंखें खोले जल जो पीले तो वह नहीं पीता राम…
“आँखें”
मन की बात खुदा ही जानें आँखें तो दिल की सुनती हैं, जिनसे पल भर की दूरी रास नहीं उनसे ही निगाहें लड़ती हैं, दिल…
जटायु अंत में आंखें खोले
जटायु अंत में आंखें खोल हाथ जोड़ के करे वंदना रोता रोता बोली जटायु अपनी आंखें खोली जली जो पीले तो वह नहीं पीता राम…
सूनी आँखें पथरीली आँखें
सूनी आँखें पथरीली आँखें सूनी राहें पथरीली राहें …… यूई
Tery yade
तेरी यादों की जागीर है जन्नत मेरी , हर पल हर छण तुम ही को देखती है आंखें मेरी , नजर तो आओ तुम ही…
bahut khoob sir
nice1
लाजबाव
आंखों की गुस्ताखियां