आज फिर याद में….
आज फिर याद में उनके आँशू बहे ,
वो सलामत रहे ,हम रहें न रहें .
अब तो दिन रात रहती है आँखे सज़ल ,
अब तो कटती है राते यूँ सुनकर ग़ज़ल .
है यही आरज़ू ये ग़ज़ल का सफर ,
यूँ ही चलता रहे, दिन गुजरता रहे.
आज फिर याद में उनके आँशू बहे ….
दर्द के गीत में प्यासे संगीत में,
तुमको गाते रहे , गुनगुनाते रहे
आज फिर याद में उनके आँशू बहे…
मैं कहीं भी गया तुम मेरे साथ थे,
जब अकेला था , तुम याद आते रहे..
आज फिर याद में……
….atr
thanks 🙂
Wah
Waah waah