इतना बोझिल तो कभी नहीं हुआ मै
इतना तो बोझिल कभी हुआ नहीं मै.
मुकाम तो बहुत आए, बहुतो ने रोका भी,
पर इतना तो कभी रुका नहीं मै .
कुदरत तो हमेशा रुलाती आ रही है मुझको,
पर इतना तो कभी रोया नहीं मै.
उम्मीदे तो हमेशा बनी रही उम्मीदे,
पर इतना तो निराश कभी नहीं हुआ मै .
राहे सफ़र में कोई ना कोई साथ हो ही जाता था,
पर इतना तो अकेला कभी नहीं रहा मै.
इतना तो बोझिल कभी नहीं हुआ मै.
kya khoob likha hai anil ji
dhanyvaad feran kurreleji
lajabaab ji
bahut bahut dhanyvaad