जरुरी तो नहीं
ये सही है कि तवायफों का जिस्म बिकता है , मगर ईमान भी बिकता हो – जरुरी तो नहीं . ये सही है कि उनसे…
ये सही है कि तवायफों का जिस्म बिकता है , मगर ईमान भी बिकता हो – जरुरी तो नहीं . ये सही है कि उनसे…
सपने में भी जब कभी तुम्हारा ख्याल आता है तो – दर्द से तड़फ कर जाग जाता हूँ मै . जब अंधेरो के सिवा कुछ…
तुम पहले शख्स हो – जिसे मैंने अपना हमराज बनाया है, अपना हाले दिल सुनाया है, वरना मुझे किसी पर एतबार नहीं . तुम गैर…
अभी अभी वो वर्तमान थे , अभी अभी वो अतीत हो गए . वो कौन थे ? किसके थे वो ? प्रश्न सब बेमानी बेकार…
कुछ शब्द कहे थे हमने तो, वो शब्द जाने कब – लोगो कि जुबान पर चढ़ गए और किस्से हो गए . हम तो सभी…
टूटता जा रहा हूँ मै . छूटती हुई राहें-बढ़ता हुआ अँधेरा, भटकता जा रहा हूँ मै . टूटता हुआ किनारा-उमड़ता हुआ सागर , डूबता जा…
जज्बात ए इश्क ना छुपाता दिल में अपने – गर ना होता डर ज़माने का . नहीं डरता ज़माने से भी में – गर डर…
तुम्हारे जाने का दर्द क्यों ना हो ए ख़ुशी, हमसे तो दुखो के जाने का दर्द भी – बर्दाश्त नहीं होता . तुम्हारी चुप्पी सहन…
राह में गढ़ी है नजरें – मगर किसके लिए ? दूर दूर तक कोई नजर आता नहीं , हर तरफ है अँधेरा ही अँधेरा,…
1- तुम आये तो बिना पिये ही बेहोशी का अहसास करते है , वर्ना तो मयखाने कि सारी मय पीकर भी होश बाकी था हमको…
सपने में भी जब कभी तुम्हारा ख्याल आता है- तो दर्द से तड़फ कर जाग जाता हूँ मै . जब अंधेरों के सिवा कुछ मिलता…
आ जाओ कहाँ हो तुम, कहाँ हो तुम,कहाँ हो तुम . तुम्हारी गफलत के अफ़साने, करते फिरते है दीवानें, ए परवानों तुम्हे क्या खबर है-…
कुछ दीवाने थे , कुछ परवाने थे- इस महफ़िल में, शमां को जलाने के लिए सब थे बेताब- इस महफ़िल में . दर्द रक्काशा का…
कुछ ख्याल आ गए ऐसे ही , कुछ शब्द लहरा गए ऐसे ही. अपनों को जब देखा बदलते हुए परायों में, कुछ दर्द हिला गए…
वही हर परेशानी की सुबह, वही हर परेशानी की शाम, वही बिखरता हुआ मानव रोज़ एक से क्रिया कलापों को दोहराता हुआ , वही हर…
रुको ए मुसाफ़िर अभी ना जाओ . डस लेगी ये काली अँधेरी रात तुम्हे, सहर तलक ठहर जाओ . दूर है मंजिल तुमसे- राहे अनजान…
कितना बदल गया हूँ मै . लग चुके है दाम बाज़ार में मेरे ईमान के, बिक गया हूँ मै . तुम्हारे लिए क्या जिऊंगा मै-…
चाँद कि चांदनी को अपने आँगन में उतरने का , न्योता दे आऊं मै . दरवाजा खोल कर खिड़कियाँ बंद कर दी है मैंने, कहीं…
इतना तो बोझिल कभी हुआ नहीं मै. मुकाम तो बहुत आए, बहुतो ने रोका भी, पर इतना तो कभी रुका नहीं मै . कुदरत तो…
जब भी मै अकेलेपन का बोझ, महसूस करता हूँ दिल पर अपने तो कलम खुद ब खुद बन कर साथी हाथ में मेरे आ जाती…
जब श्रीमतीजी अफसर बनी तो , हमारी ख़ुशी हो गई दो गुनी , हमने सोचा इसके दो दो लाभ होंगे, एक तो बढेगा रुवाब हमारा,…
वक़्त की सलाखों के पीछे, यहाँ है कैद हर एक जिंदगी . फिर कौन सुने किसकी कराह, यहाँ है कसक हर एक जिंदगी . फिर…
कैसे कहे कि याद तुम आते नहीं, कैसे कहे कि दिल में हमारे उदासी नहीं. तुम्हारे ही सहारे तो किश्ती छोड़ी है हमने, कैसे कहे…
ग़मों की छाव तले ये मेरी जिंदगी चले. मजबूरी ने कर दी है तार तार ओढनी, हर मोड़ पर लुटती हुई ये मेरी जिंदगी चले.…
1- है बहुत सख्त वक़्त के क़ैद खाने कि सलाखे, जिन्दगी लाख बन जाए पंछी – मगर उड़ नहीं सकती । 2- हकीकत से मुह…
1- आज दिल में बड़ी हलचल सी मचती रही, बाद बहुत गौर करने के मालुम हुआ कि- एक आंसू जो पिया था कल हमने ,…
कारण या तो मेरा अहम् था – या मेरा बहम था, अपनों से दूर होता गया मै बस यूँ ही . पता नहीं था कि…
इल्ज़ाम तो बहुत लगे हम पर, मगर खता का कोई सबूत भी मिल जाता तो अच्छा था. जिन्दगी की राहों में लोग तो बहुत मिले ,…
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