इशक है – 1
तेरा साल दर साल ,
हर सुबेह मुझसे मिलने आना
इशक है
तेरा कुछ ना बोल के भी , सब कह जाना
इशक है
तेरा साल दर साल ,
हर सुबेह मुझसे मिलने आना
इशक है
तेरा कुछ ना बोल के भी , सब कह जाना
इशक है
Comments are closed.
Please confirm you want to block this member.
You will no longer be able to:
Please note: This action will also remove this member from your connections and send a report to the site admin. Please allow a few minutes for this process to complete.
बहुत खूब!
nice poem sir