इशक है – 2

तेरा बंद आँखों कर ,

मेरे मन में उतर जाना

इशक है

तेरा मेरे नूर में खो ,

मंद मंद मुस्कराना

इशक है

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

तेरा इशक

मेरा इशक तेरे मन में सिमटा हुआ परिंदा               तेरा इशक मेरे मन को अपने संग ऊङाता हुआ परिंदा मेरा इशक तेरे आँचल में सिमटी…

मेरा इशक

मेरा इशक झील का रुका हुआ पानी               तेरा इशक नदी की बहती हुई धारा मेरा इशक वोह आग, जो आग को पानी कर दे…

Responses

+

New Report

Close