इश्क का अब फसाना नहीं चाहिए
इश्क का अब फसाना नहीं चाहिए
तेरे दिल में ठिकाना नहीं चाहिए
तुम मेरी याद में गर तड़प ना सको
तुमको दिल भी लगाना नहीं चाहिए।
यूं दिखावे की यारी है किस काम की
हाथ भी अब मिलाना नहीं चाहिए।
इश्क है गर तुम्हें तो बता दो अभी
वक्त इतना लगाना नहीं चाहिए।
तुम मेरा हाथ हाथों में ले ना सको
तुमको तोहफे भी लाना नहीं चाहिए।
बस करो ये दिखावा बहुत कर लिया
हो मोहब्बत छुपाना नहीं चाहिए।
जो भी कह दूं उसी को हुकुम मान लो
बात आगे बढ़ाना नहीं चाहिए।
छोड़ दो काम सारे जरूरी मगर
प्रेमिका को सताना नहीं चाहिए।
सच हो कड़वा मगर मुझको स्वीकार है
कोई झूठा बहाना नहीं चाहिए।
तेरा सजना सवरना तो फिर ठीक है
बेवजह मुस्कुराना नहीं चाहिए।
दूर हो गर मोहब्बत तो चेहरा खुदा
खूबसूरत बनाना नहीं चाहिए।
हो मोहब्बत भले जां की बाजी मगर
पांव पीछे बढ़ाना नहीं चाहिये।
गीत सारे विरह के मुबारक हमें
इश्क का अब तराना नहीं चाहिए।
Pragya Shukla sitapur
Very Nice 👌👌
Shukriya
Kaavya m BaBa
Kuch kaam h please send me a sms on my gmail id
pm.palri@gmail.com
Plese it a emergency msg 🙏