Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
कविता : माँ दुर्गा
क्यों न होगा दूर तम ,माँ को याद करके देखिये भावनाओं के भवन से भय भगाकर देखिये ज़िंदगी खुशियों से भरी नज़र आयेगी जागती ज़िन्दादिली…
घर जलाना औरों का आसान है
अगर जग बदलता है बदलने दीजिए वक्त के साथ ही चलना सीखिए आसमानों को छूने की हसरत है अगर दिल में कोई ख्वाब पालना सीखिए…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
जिस्म में शामिल रूह का आज खुलासा देखिये
जिस्म में शामिल रूह का आज खुलासा देखिये, खुद ही इस भीड़ में घुस कर आप तमाशा देखिये, बदल सकता है तस्वीर जो इस सारे…
वाह
Thank you bhai