उठाये जा उन के सितम और जिये जा
उठाये जा उन के सितम और जिये जा
युंही मुस्कुराये जा, आँसू पिये जा
यही है मुहब्बत का दस्तूर, ऐ दिल
वो ग़म दें तुझे, तू दुआएं दिये जा
कभी वो नज़र जो समायी थी दिल में
उसी एक नज़र का सहारा लिये जा
सताये जमाना सितम ढाये दुनिया
मगर तू किसी की तमन्ना किये जा
उठाये जा उन के सितम और जिये जा
यही है मुहब्बत का दस्तूर, ऐ दिल
वो ग़म दें तुझे, तू दुआएं दिये जा……ri8,,,,nice !!
वाह बहुत सुंदर रचना
Very nice