एक मुलाकात की तमन्ना मे…
आपकी यादो को अश्कों में मिला कर पीते रहे
एक मुलाकात की तमन्ना मे हम जीते रहे
आप हमारी हकीकत तो बन न सके
ख्वाबों में ही सही हम मगर मिलते रहे
आप से ही चैन ओ सुकून वाबस्ता दिल का
बिन आपके जिंदगी क्या, बस जीते रहे
सावन, सावन सा नहीं इस तनहाई के मौसम में
हम आपको याद करते रहे और बादल बरसते रहे
जब देखा पीछे मुडकर हमने आपकी आस में
एक सूना रास्ता पाया, जिस पर तनहा हम चलते रहे
bahut ache
thanks mohit
सावन, सावन सा नहीं इस तनहाई के मौसम में
हम आपको याद करते रहे और बादल बरसते रहे…. वाह! क्या बात है
thanks sachin
Good
जब देखा पीछे मुडकर हमने आपकी आस में
एक सूना रास्ता पाया, जिस पर तनहा हम चलते रहे
Very nice poem