Categories: शेर-ओ-शायरी
Kuldeep Prajapati Vidhyarthi
हिन्दी गीतकार, मंचीय कवि, लेखक
Related Articles
जो आत्मनिर्भर है
1 जो आत्मनिर्भर है, उन्हें आत्मसम्मान की शिक्षा दे रही हैं क्यूँ हमारी सरकार? मजदुर अपने बलबूते पर ही जिन्दगी जीते, ये जाने ले हमारी…
कभी कभी, तुम राहें भूल कर…! (गीत )
कभी कभी, तुम राहें भूल कर……! (गीत ) कभी कभी, तुम राहें भूल कर, मेरी गलियों मे आया करो…. कभी कभी तुम ख़ुद को …
दवा भी तुम दुआ भी तुम। हवा भी तुम फ़िजा भी तुम।।
दवा भी तुम दुआ भी तुम। हवा भी तुम फ़िजा भी तुम।। , घटा भी तुम अदा भी तुम। वफ़ा भी तुम सज़ा भी तुम।।…
वो हो तुम, वो हो तुम और सिर्फ तुम……
एक आस दिल की, एक विश्वास ज़िन्दगी को वो हो तुम, वो हो तुम और सिर्फ तुम दिल को जिसकी चाहत, करी दिल ने जिसकी…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
wah wah!!