Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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याचना अपनी बीमार मां के लिए
ढूंढता है उन लम्हों को जहां सिर्फ अपनापन था अधिकार मां पर सिर्फ अपना नहीं दबाव किसी का था।। जहां हक था भाई से बातें…
“नज़रे झुक गई”
आजकल इनसानियत सियासत मे ग़ुम कही आजकल देश एक पर लोग एक जुट नहीं चुभ रही क्यूँ जीत अन्याय की आज देश की यह हालत…
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